
टिहरी
टिहरी सुदर्शन शाह 1815-1859 (सभासार पुस्तक) भवानी शाह 1859-1871 प्रताप शाह 1871-1888 किर्ती शाह 1888-1913 नरेंद्र शाह 1913-1943 मानवेंद्र शाह 1946-1949 अंग्रेजों ने गढ़वाल तथा
टिहरी सुदर्शन शाह 1815-1859 (सभासार पुस्तक) भवानी शाह 1859-1871 प्रताप शाह 1871-1888 किर्ती शाह 1888-1913 नरेंद्र शाह 1913-1943 मानवेंद्र शाह 1946-1949 अंग्रेजों ने गढ़वाल तथा
उत्तराखंड में गोरखा शासन (चौबीसी) उत्तराखंड में गोरखा शासन निम्न पर निर्भर था | 1- कर 2- दासता 3 – क्रूरता दंड की प्रक्रिया 1
चंदवंश 12 वीं 18 वीं सदी कत्यूरियों के पश्चात कुमाऊं क्षेत्र में चंद वंश का उद्भव हुआ | चंद वंशों ने न केवल कुमाऊं क्षेत्र
पंवार / परमार वंश बैकेट एवं पंवार वंश के शासक सुदर्शन शाह द्वारा लिखित पुस्तक “सभासार” में वर्णित राजाओं की वंशावली के आधार पर यह
कत्यूरी वंश 7 वीं से 15 वीं सदी हर्षवर्धन के पश्चात उत्तराखंड क्षेत्र में अनेक छोटे-छोटे राजवंशों का उद्भव हुआ । जिनमें ब्रह्मपुर , गोविषाण,
कुणिंद वंश उत्तराखंड के मध्य हिमालय एवं पर्वतीय हिमालय में मौर्य वंश के समकालीन कुणिंद ने अपनी सत्ता स्थापित की। यह संभवत उत्तराखंड का पहला
उत्तराखंड का इतिहास उत्तराखंड के अध्ययन के लिए उत्तराखंड को निम्न तीन रूपों से बांटा जाता है | 1-साहित्यिक 2-पुरातात्विक 3-विदेशी यात्रियों के विवरण उत्तराखंड
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