समांतर श्रेणी n वा पद – a+(n-1)d
प्रथम n पदों का योग – n/2[a+l]
समांतर श्रेणी के n पदों का योगफल – n/2[2a+(n-1)d
Important facts –
समांतर श्रेणी में कोई तीन संख्याएं लेनी हो तो उन्हें a-d, a, a+d माननी चाहिए |
समांतर श्रेणी में कोई चार संख्याएं लेनी हो तो उन्हें a-3d, a-d, a+d, a+3d माननी चाहिए |
समांतर श्रेणी में कोई पांच संख्याएं लेने हो तो उन्हें a-2d, a-d, a, a+d, a+2d माननी चाहिए |
सम पदों वाली समांतर श्रेणी में पदों की संख्या माननी चाहिए तब n और n+1 दो माध्य पद होंगे |
विषम पदों वाली समांतर श्रेणी में पदों की संख्या (2n+1) माननी चाहिए तब (n+1) पद माध्य पद होगा |
अंतिम से कोई पद ज्ञात करना हो तो सर्व अंतर हमेशा ऋण आत्मक होगा |
Mcq. Type question
Question 1. समांतर श्रेणी 6,10,14…………., 86 का अंत से 15वां पद होगा
a. 20
b. 30
c. 34
d. 38
Question 2. यदि किसी समांतर श्रेणी का mवा पद n और nवा पद m हो तो (m+n)वा पद होगा
a. 1
b. -1
c. 0
d. (m+n-1)
Question 3. यदि किसी समांतर श्रेणी का pवा पद = 1/q और qवा पद = 1/p हो तो उसका pqवा पद होगा
a. 1
b. 0
c. pq-1
d. -1
Question 4. y और 3y के मध्य n समांतर मध्य पदों का योगफल होगा
a. ny
b. 2ny
c. 3ny
d. 4ny
Question 5. 100 और 200 के बीच की सम संख्याओं का योग होगा
a. 5640
b. 7650
c. 6750
d. 6340
Answer
1. | b (30) |
2. | c (0) |
3. | a (1) |
4. | b (2ny) |
5. | b (7650) |
POST BY – JITENDRA BHBARTI